Channel: storyatoz.com (Hindi)
Category: Entertainment
Tags: bhakti kahaniyashiv parvati kahanibhakti storyhindi moral storieshindi kahaniyanstory in hindikahanibhakti kahanibhakti videomoral storyshiva bhaktihindi kahanimoral kahanihindi storymoral storiesshiv parvatimahashivratrikahaniyanshivji storystory hindibedtime storystories in hindidharmik kahanihindi moral kahaniyashiv parvati vivahpauranik kahaniyaशिवरात्रि की कथाhindi storiesshivshivratri ki kathamoral kahaniya
Description: Download our Android App : play.google.com/store/apps/details?id=com.mobimonsterit.shrigurugranthsahibjisggs शिवरात्रि की कथा | Shivratri Ki Katha | Hindi Kahani | Bhakti Stories | Moral Stories | Bhakti Kahaniya | Hindi Kahaniya | Stories in Hindi | Bedtime Stories | Bhakti Kahani | Mahashivratri Ki Katha | Mahashivrati | Shiv Parvati Ki Puja #शिवरात्रि_की_कथा #hindikahani #bhaktikahani -To give your contribution in making of sakhis you may support us. Maha Shivratri 2022 Date: महाशिवरात्रि कब है? जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार,महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 01 मार्च, मंगलवार को है. महाशिवरात्रि 2022 पूजा विधि और शुभ मुहूर्त जान लें. पंचामृत से करें शिव का अभिषेक शिवरात्रि पर शिव भक्त भगवान शिव को मनाने के लिए सबसे पहले दूध से अभिषेक करें और उसके बाद जलाभिषेक करें. महादेव को दूध, दही, शहद, इत्र, देशी घी का पंचामृत बनाकर स्नान कराएं। फूल, माला और बेलपत्र के साथ मिष्ठान से भोग लगाएं. Mahasivratri 2022 कब है ? आने वाली 1 मार्च 2022 को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा. बसंत ऋतु के सुंदर मौसम में फाल्गुन मास के दौरान शिवरात्रि का विशेष व्रत किया जाता है. जब भोले के भक्त सिर्फ उनकी भक्ति में मस्त और लीन रहते हैं. महाशिवरात्रि व्रत कैसे किया जाए इसके लिए शास्त्रों के अनुसार नियम तय किए गए हैं. महाशिवरात्रि को लेकर हैं कई मान्यताएं मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग (Shivling) का अभिषेक करने के बाद जलढ़री का जल घर ले आएं और 'ॐ नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च' मंत्र बोलते हुए घर में इस जल का छिड़काव कर दें. इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और घर में खुशहाली आती है. पंचामृत से करें शिव का अभिषेक शिवरात्रि पर शिव भक्त भगवान शिव को मनाने के लिए सबसे पहले दूध से अभिषेक करें और उसके बाद जलाभिषेक करें. महादेव को दूध, दही, शहद, इत्र, देशी घी का पंचामृत बनाकर स्नान कराएं। फूल, माला और बेलपत्र के साथ मिष्ठान से भोग लगाएं. शिवतांडव में लिखा है यः शम्भूपूजनमिदं पठति प्रदोषे तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां, लक्ष्मी सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः॥ व्रत का पालन (Mahashivratri Vrat Ke Niyam) महाशिवरात्रि पर प्रात: स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. फिर पूजा आरंभ करें. चार प्रहर में शिव पूजन का विधान मान्यतानुसार, इस दिन भगवान की पूजा रात्रि के समय एक बार या फिर संभव हो तो चार बार करनी चाहिए. वेदों का वचन है कि रात्रि के चार प्रहर बताये गये हैं. इस दिन हर प्रहर में भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदायी है. इस पूजा से सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं. इन चीजों को करें भगवान शिव पर अर्पित अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें Maha Shivratri 2022 Date: इस दिन शुभ मुहुर्त का खास महत्व यह तो आप सभी जानते हैं कि भोलेनाथ जितने शांत हैं उन्हें गुस्सा भी उतनी ही जल्दी आता है. इतना नहीं भगवान शिव को स्वयं महाकाल कहा जाता है. ऐसे में शिवरात्री पर पूजा के लिए मुहूर्त का खास महत्व है. महाशिवरात्रि के दिन सभी शिव मंदिरों में भक्त अपने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव लिंग स्वरुप में प्रकट हुए थे. भगवान सदाशिव ने परम ब्रह्म स्वरुप से साकार रूप धारण किया था. Mahashivratri Puja Vidhi: महाशिवरात्रि की पूजा विधि महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर लें. इसके उपरांत एक चौकी पर जल से भर हुए कलश की स्थापना कर शिव-पार्वती की मूर्ति या चित्र रखें. इसके बाद रोली, मौली, अक्षत, पान सुपारी ,लौंग, इलायची, चंदन, दूध, दही, घी, शहद, कमलगटटा्, धतूरा, बिल्व पत्र, कनेर आदि अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव की आरती पढ़ें. यदि आप रात्रि जागरण करते हैं तो उसमें भगवान शिव के चारों प्रहर में आरती करने का विधान है. Mahashivratri 2022 Date: घर पर कर सकते हैं पूजन वैसे तो शिवरात्रि के दिन मंदिर जाकर पूजन करना विशेष फलदायी होता है, लेकिन यदि आप नहीं जा पाते हैं तब भी घर पर ही पूजन करें. Mahashivratri Puja Significance: महाशिवरात्रि पूजा का महत्व महाशिवरात्रि पर्व के यदि धार्मिक महत्व की बात की जाए तो महाशिवरात्रि शिव और माता पार्वती के विवाह की रात्रि मानी जाती है. मान्यता है इस दिन भगवान शिव ने सन्यासी जीवन से ग्रहस्थ जीवन की ओर रुख किया था. महाशिवरात्रि की रात्रि को भक्त जागरण करके माता-पार्वती और भगवान शिव की आराधना करते हैं. मान्यता है जो भक्त ऐसा करते हैं उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है. Maha Shivratri 2022 Puja Muhurat: पूजन मुहूर्त आइए जानते हैं इस दिन चार पहर की पूजा का समय महाशिवरात्रि पहले पहर की पूजा: 1 मार्च 2022 को 6:21 pm से 9:27 pm तक महाशिवरात्रि दूसरे पहर की पूजा: 1 मार्च को रात्रि 9:27 pm से 12:33 am तक महाशिवरात्रि तीसरे पहर की पूजा: 2 मार्च को रात्रि 12:33 am से सुबह 3:39 am तक महाशिवरात्रि चौथे पहर की पूजा: 2 मार्च 2022 को 3:39 am से 6:45 am तक व्रत का पारण: 2 मार्च 2022, बुधवार को 6:45 am Maha Shivratri 2022 Date: महाशिवरात्रि तिथि चतुर्दशी तिथि आरंभ: 1 मार्च, मंगलवार, 03:16 am से चतुर्दशी तिथि समाप्त: 2 मार्च, बुधवार, 1:00 am तक Thanks for your support and love. StoryAtoZ.com Team #lordshiva #shivratri #mahashivratri2022